"The hardest of all is learning to be a well of affection,and not fountain,to show them that we love them,not when we feel like it,but when they do"

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Friday, May 23, 2014

खामोशियाँ

न बेताबियाँ थी
न ही थी गुस्ताखियाँ
थी तो बस खामोशियाँ
 
न हम कुछ कह सके
न वो हमे सुन सके

कुछ पल हमारे खिलाफ थे
या युहीं दोष दे रहे थे हम पलों को

दिल में जो गुफ्तगू की एक आस जगी थी
आज भी वह अधूरी ही रह गयी

कहनी थी जो बात हमे
खामोशियों में ही बह गयी
Image Courtesy

2 comments:

ANJALI.N.KUMAR said...

woww!! beautiful :)

Megha said...

Really beautiful!! Nice..